MAHKUMBH AASTHA
महाकुंभ के आयोजन की तैयारियां जोरों शोरों पर चल रही है और इसे लेकर लोगों में काफी उत्साह भी देखने को मिल रहा है आपको बता दें कि यूपी यानी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 144 वर्षों के बाद साल 2025 में महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। इस बार महाकुंभ में 40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं और भक्तों के आने का अनुमान लगाया जा रहा है। जिसे देखते हुए सुविधाओं के इंतजाम भी उसी स्तर से किए जा रहे हैं। पंचांग के अनुसार इस बार महाकुंभ का मेला पौष पूर्णिमा से आरंभ हो चुका है और महाशिवरात्रि तक चलेगा!
प्रयागराज में इससे पहले साल 2013 में महाकुंभ मेले का आयोजन किया गया था। लेकिन इस बार का महाकुंभ मेला उससे भी कहीं अधिक दिव्य और विराट है। क्योंकि इस महाकुंभ पर स्वयं पीएम मोदी और सीएम योगी की नजरें बनी हुई हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा महाकुंभ से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
आपको बता दें कि महाकुंभ का भव्य मेला हर 12 साल में एक बार लगता है इसकी बड़ी वजह धार्मिक मान्यता है जिसके अनुसार कुंभ की उत्पत्ति समुद्र मंथन की पौराणिक कथा से जुड़ी है। बताया जाता है कि जब देवता और असुरों ने मिलकर मंथन किया था उस वक्त जो अमृत निकला। इस अमृत को पीने के लिए दोनों पक्षों में युद्ध हुआ। यह युद्ध पूरे 12 दिनों तक चला था। कहते हैं कि यह 12 दिन पृथ्वी पर 12 सालों के बराबर थे। इसलिए कुंभ का मेला 12 साल में एक बार आता है।
वही इससे जुड़ी दूसरी मान्यता है कि समुद्र मंथन में अमृत के छींटे 12 स्थान पर गिरे थे इनमें से चार पृथ्वी पर थे। यही कारण हे कि इन चार स्थानों पर ही महाकुंभ का मेला हर बार लगता है। वहीं कुछ ज्योतिषों का मानना है कि गुरु बृहस्पति ग्रह 12 साल में 12 राशियों का चक्कर लगाते हैं। इसलिए कुंभ मेले का आयोजन भी उस समय होता है जब गुरु बृहस्पति ग्रह किसी विशेष राशि में होते हैं।
ये भी पढ़िए :- TUM MILE
२. 20 BADE SHAYARO KE MASHUR SHER
२. 20 BADE SHAYARO KE MASHUR SHER
No comments:
Post a Comment