Shayar ki Kalam se dil ke Arman...
राजनीति में तो सिर्फ एक शायर हूं मुझे राजनीति से क्या लेना देना ।
पर वास्तविकता कि परिधि समाज के हर व्यक्ति को प्रभावित करती है।
मै भी उसी परिधि का हिस्सा हूं तो मुझपे भी राजनीति का प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है।
मेरा उद्देश्य किसी पार्टी का विरोध करना नहीं है। पर धर्म जाति के नाम पर समाज को बाटने का विरोध मै करना चाहता हूं।
ऐसा क्या हुआ जो आज हम लोग इतने संकीर्ण मानसिकता के हो गए हैं।
क्यों हम एक दूसरे से इतने जुदा है।
क्यों हम व्यक्ति को उसके व्यक्तित्व से नहीं उसके धर्म या जाति या संप्रदाय से आकलन करने की कोशश करते है।
क्यों, ये एक सवाल जो आज हर व्यक्ति को स्वंयम् से करना चाहिए ।
माफ़ कीजियेगा, अगर मैने कुछ ग़लत कहा हो तो।
क्योंकि आज कल के राजनीति के माहोल में कब किसे देशद्रोही साबित कर दिया जाए । कोई बड़ी बात नहीं है। इसलिए आप सभी से माफी चाहता हूं।ये मेरे खुद के विचार है।
@shayari blogger(Deepak Bansal)
Nice thought,
ReplyDeletethnx
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