Shayar ki Kalam se dil ke Arman...
School sunke dil me bachapn ki dasthak hoti h. or sunke hmre khwb us bachpan ko jine ki tmna liye fir se hunkar marte h. par wo hamari sir yaad me rh jate sirf yaad.
1.कितने खुशनसीब थे हम जब स्कूल जाया करते थे।
वो सर से डॉट खाना वो दोस्तो को रुलाना,
वो बाहर खड़े होकर सजा मिलने पर भी मुस्कुराना ।
वो स्कूल की मस्ती वो हमारी हस्ती,
दुनिया से अलग हमारी बस्ती l
किताबो के बोझ को कंधों पर उठाया करते थे ।
पर फिर भी जिंदगी को खुशनुमा जिया करते थे ।
बेंच पर खड़े होकर वो खिल खिलाना क्लास की हर लडकी को दोस्त कि भाभी बताना ।
वो टेलीफोन का प्यार वो एक एक सिके का उधार,
कैंटीन की पट्टीज ओर समोसे का प्यारl
अपना ही था पूरा संसार ।
बस ऐसा ही था वो स्कूल का दिन यार ।
बहुत याद आता स्कूल का हर त्योहार l
बस वो स्कूल के दिन बस वो स्कूल के दिन बहुत याद आते है बहुत याद आते है
वो स्कूल के दिन बहुत याद आया करते है l