Sunday, 7 July 2019

Shayari by आदित्य "अंश"

Shayar ki Kalam se dil ke Arman...

मेरे मित्र आदित्य भाई की कुछ रचनायों से आपको रूबरू करवाता हूं! आशा है आपको जरूर पसंद आयेगी!
1. कलम पकड़ी किताब खोली
कुछ बाते जेहन में आयी है
ना जाने कौनसे पिछड़े जमाने के ये राग समेट के लाई है
की जोर से फेकू अगर तो कागज पर एक चित्र सा बन जाएगा
पर जो बाते है वो इतनी कली है कि देखने वाला दृष्टिहीन हो जायगा
की हर रोज काली शाही से लिखी खबर मेरे घर आती है!
चोरी डकैत लोकेट मार और महामारी की घटना सुनाती है


2.क्या ताज्जुब अग़र जुगनूँ सितारे हो जाए!
जो लहरों से डरते हो, वो किनारे हो जाए!
कुछ लोग, जो बेग़र्ज अकड़ लिए फिरते हैं
कभी फूँक मार दूँ तो सब गुब्बारे हो जाए!

2.न कोई बच पाया अबतक
बेपनाह हुस्न के शर से
जाम को भी नशा हो जाए
सिर्फ़ तुझे देखने भर से

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Mohabbat Shayari..

1 comment:

  1. What a great content! I found your blog on google and loved reading it greatly. It is a great post indeed. Much obliged to you and good fortunes. keep sharing.


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