Wednesday, 18 May 2022

JAUN ELIA KE FAMOUS SHER

Shayar ki Kalam se dil ke Arman...

JAUN ELIA KE FAMOUS SHER




जॉन एलिया का जन्म 14 दिसंबर 1931 को उत्तर प्रदेश के अमरोहा में एक प्रमुख परिवार में हुआ था। वह अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। उनके पिता अल्लामा शफ़ीक़ हसन एलियाह एक खगोलशास्त्री और कवि होने के अलावा कला और साहित्य से भी गहरे जुड़े थे। इस सीखने के माहौल ने उसी तर्ज पर जॉन की प्रकृति को आकार दिया। उन्होंने अपनी पहली उर्दू कविता महज 8 साल की उम्र में लिखी थी।





उर्दू अदब के मक़बूल नामों में से एक हैं हजरत जौन एलिया, जिन्होंने शायरी की लीक को एक नया मोड़ दिया इसलिए वे सीधे दिल में उतरे और उनके शेर महबूबों के राग बन गए। पेश हैं जौन एलिया के लिखे बेहतरीन शेर


अपने सब यार काम कर रहे हैं
और हम हैं कि नाम कर रहे हैं


अब तो हर बात याद रहती है
ग़ालिबन मैं किसी को भूल गया

अब मेरी कोई ज़िंदगी ही नहीं




अब मेरी कोई ज़िंदगी ही नहीं
अब भी तुम मेरी ज़िंदगी हो क्या


इलाज ये है कि मजबूर कर दिया जाऊँ
वगरना यूँ तो किसी की नहीं सुनी मैंने

उस गली ने ये सुन के सब्र किया




उस गली ने ये सुन के सब्र किया
जाने वाले यहाँ के थे ही नहीं


एक ही तो हवस रही है हमें
अपनी हालत तबाह की जाए

क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में




क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में
जो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं


कैसे कहें कि तुझ को भी हम से है वास्ता कोई
तू ने तो हम से आज तक कोई गिला नहीं किया

काम की बात मैंने की ही नहीं




काम की बात मैंने की ही नहीं
ये मेरा तौर-ए-ज़िंदगी ही नहीं


कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे
जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे

कितनी दिलकश हो तुम कितना दिल-जू हूँ मैं




कितनी दिलकश हो तुम कितना दिल-जू हूँ मैं
क्या सितम है कि हम लोग मर जाएँगे


कौन से शौक़ किस हवस का नहीं
दिल मेरी जान तेरे बस का नहीं

ख़र्च चलेगा अब मेरा




ख़र्च चलेगा अब मेरा किस के हिसाब में भला
सब के लिए बहुत हूँ मैं अपने लिए ज़रा नहीं


जमा हम ने किया है ग़म दिल में
इस का अब सूद खाए जाएँगे

ज़िंदगी एक फ़न है लम्हों को




ज़िंदगी एक फ़न है लम्हों को
अपने अंदाज़ से गँवाने का


ज़िंदगी किस तरह बसर होगी
दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में

जो गुज़ारी न जा सकी हम से




जो गुज़ारी न जा सकी हम से
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है


'जौन' दुनिया की चाकरी कर के
तूने दिल की वो नौकरी क्या की

नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम




नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम
बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम


नहीं दुनिया को जब परवाह हमारी
तो फिर दुनिया की परवाह क्यूँ करें हम

#JAUN ELIA KE MASHUR SHER #JAUN ELIA SHARABI
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