Saturday 30 January 2021

I SUPPORT KISAN AANDOLAN

Shayar ki Kalam se dil ke Arman...

हेलो दोस्तों  मैं आपका दोस्त दीपक बंसल एक बार फिर एक सेंसटिव मुद्दे पर अपनी राय लेकर आया हूँ ! जो बहुत लोगो को पसंद नहीं आएगी ! पर विचार रखना और उसे समझना हर आदमी 
का अपना अधिकार है !  

इस किसान आंदोलन ने पुरे देश को दो भागो में बाट दिया है ! जहाँ एक और लोग आज भी हिन्दू मुसलमान के मुद्दे पर मोदी भक्त हो रखे है ! वही देश के किसानों को गद्दार साबित करने में भी इन लोगो ने कसर नहीं छोड़ी !
किसान एक ऐसा आदमी जिसकी वजह से आज हमारे घर में रोटी आ रही है ! हम भर पेट  खाना खा कर सो रहे है ! और वोही किसान कई महीनों से सड़क पर पड़ा है ! पर तब किसी का उस और ध्यान नहीं गया ! सरकार सिर्फ अपने फायदे के लिए अपना कानून उन पर थोपना चाह रही  और है ! लेकिन लोकतांत्रिक देश में उसी जनता की आवाज को दबाया जा रहा है ! जिनको इस कानून का पालन करना है ! सुप्रीम कोर्ट भी बोल रही कानून वापिस लो ! पर सत्ता के नशे में चूर सरकार को इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ता ! उन्हें किसानों को उग्र कर भगाना था ! आप खुद सोचिये जिस सरकार ने कश्मीर में बिना एक गोली चले ३७० लगवा दी ! वो क्या किसानों को उग्र होने से  सकते थे ! लेकिन नहीं उन्होंने ये होने दिया ताकि हमारे देश की भोली जनता उनके खिलाफ हो जाये ! झंडा टांगने की तस्वीर को भी ऐसे लिया जैसे हमारा तिरंगा हटा के उन्होंने अपना परचम लगाया ! धार्मिक झंडे की  आलोचना करता हूँ ! मगर आप बताये दोष किसका बड़ा है ! अगर आप की बात को कोई इतने दिनों से न सुने आप में भी रोष आ जयगा ! वो किसान है दिमाग़ से नहीं दिल से सोचता है ! और सरकार दिल से नहीं दिमाग़ से इसलिए सरकार अपने मनसूबे में कामयाब  हो जाती मगर पूर्ण तय नहीं हो पायी ! आप सोचिये देश का नारा जय जवान जय किसान ! 

और सरकार ने किसान सामने जवान खड़ा !  वाह सही में मेरा देश बदल रहा है ! मैं खुद अपने देश का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता ! पर किसे पता अपमान किसान ने किया या उनके बीच छुपी सरकार ने ! वरना जो किसान ६२ दिन से उग्र नहीं हुए ! उस दिन ऐसा क्या हुआ जो उन्होंने तांडव मचा दिया ! बिकाऊ मीडिया 

# सरकार सख्त गद्दार पस्त  ऐसा बोल रही है ! किसान गद्दार  है ? आप बताये !
 
इस वाक्यांश पर ये शेर एक दम सत्य प्रतीक होता है !



गुबंद झंडा और सियासत,
तब भी थे जो आज भी है !

May be an image of text that says "गुंबद झंडा और सियासत, तब भी थे जो आज अभी है।। -रोहिताश "क़फ़स""


# सरकार सख्त गद्दार पस्त 



4 comments:

  1. Hello everyone,
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  2. तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है,
    दिल-ओ-नजर को रुला-रुला के देखा है,
    तू नहीं तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम,
    मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है।

    Love Shayari in Hindi

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  3. This comment has been removed by the author.

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