Shayar ki Kalam se dil ke Arman...
मेरे मित्र sarwan kachhawaha द्वारा रचित कुछ गहरी बाते
जो मेरे द्वारा आज प्रकाशित की जा रही हैं!
1. अच्छे दिनों में अच्छी अच्छी दावते भी टाली जाती है
और मुफ्लसी के दिनों में
भूख नापी और रोटियां तक गिनी जाती हैं!

2. लोग छुपे राज ना बताने पर भी जानने की कोशिश करते हैं!
और अक्सर खुले दरवाजों के खजाने यूहीं खुले छोड़ दिया करते हैं!
मेरे मित्र sarwan kachhawaha द्वारा रचित कुछ गहरी बाते
जो मेरे द्वारा आज प्रकाशित की जा रही हैं!
1. अच्छे दिनों में अच्छी अच्छी दावते भी टाली जाती है
और मुफ्लसी के दिनों में
भूख नापी और रोटियां तक गिनी जाती हैं!

2. लोग छुपे राज ना बताने पर भी जानने की कोशिश करते हैं!
और अक्सर खुले दरवाजों के खजाने यूहीं खुले छोड़ दिया करते हैं!

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