Shayar ki Kalam se dil ke Arman...
Shayari madira ka vastivik Arth btane wali shayari
Shayari madira ka vastivik Arth btane wali shayari
1.एक भिखारी ने क्या खूब कहा था ,
मैने ढूंढा खुदा को मंदिर मस्जिद में,पर वो मुझे मदिरालय में मिला!
भूखा था साहेब दो दिन से,वहा मुझे गोस्त का स्वाद मिला!
झिडक दिया था जिन लोगो ने मंदिर मस्जिद में मुझे,उनके पास बैठ मुझे मदिरा का स्वाद मिला!
जहॉ भटक रहा था चंद्द सिक्को के लिए मंदिर मस्जिद में , मदिरालय में मुझे पूरा 100 का नोट मिला !
आज इश्वर मुझे मंदिर मस्जिद में नहीं मदिरालय में मिला!
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