Monday, 10 June 2019

जाग रहा हूं| Sad shayari in hindi-by Deepak bansal

Shayar ki Kalam se dil ke Arman...
Andheri raato me jaagne wale "Dard" ke saye me rhne wale

 1.इन अंधेरी रातो में फिर से जाग रहा हूं मैं!
तेरे दामन की आस में खुद को साझ रहा हूं मैं
हवाए भी मुझसे है खफा,
क्यों तुझसे एहसास मांग रहा हूं मैं
चांद भी कर रहा दूरी मुझसे,
क्यों तुझसे चांदनी मांग रहा हूं मैं
तारो से पूछता हूं पता तेरा,
पर खुद तेरे दर पे खुद को दाग़ रहा हूं मैं।
आज फिर क्यों इन अंधेरी रातों में जाग रहा हूं मैं!



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