Shayar ki Kalam se dil ke Arman...
ये भी पढ़िए
Written by my friend sarwan kachhawaha "Dil"Nikal ke rakh dene wali "sad" "shayari"
1. मन्नत है मेरी उस अलग जहां के खुदा से
लौटा दे मेरा वो जहॉ अपने उस जहॉ से!
2.सोचो तो.. उस शख्स पे क्या गुजरी होगी
जिसके पास से तेरी सबा गुजरी होगी
मखमल के बिस्तर में कहां वो सो पाये
जिसके बाजू तू एक दफा गुजरी होगी
2.खाली को सुरूर मार जाता है
भारी को गुरूर मार जाता है
मुकदर के सिकंदरो को अक्सर
जहरै मै.. मच्छर मार जाता है!
2.हम इश्क़ में दिये बने जलते रहे
उजाले बेवफा के घर में होते रहे
अपने हिस्से का वो रोके यूहीं रुक गये
गमों तन्हाई हमें यूहीं झरने समझते रहे!
मै दरख़्त सूखने को जड़े जलाता रहा
वो आंसू मुझे जिंदा समझें बरसते रहे!
मरहम चोट के कुछ यु रिश्ते हुए की
वो घाव पे नमक लगाते हम हँसते रहें!
No comments:
Post a Comment