Shayar ki Kalam se dil ke Arman...
मुनव्वर राना शेर
मुनव्वर राना : INTRODUCTION
DOB :26/11/1952
OCCUPATION : URDU POET
PARENTS :ANWAR RANA,AYESHA KHATOON
BOOKS :MAAN
NATIONALITY : INDIAN
मुनव्वर राना का जन्म राइ बरेली उतर प्रदेश में हुआ ! पर उन्होंने जिंदगी का सबसे ज्यादा समय कोलकाता में बिताया !उन्हें साहित्य अकादमी अवार्ड फॉर उर्दू लिटरेचर के लिए मिला ! चलिए मुनव्वर के चुनिंदा शेर आप लोगो के लिए नजर करते है !
MUNAWAR RANA FAMOUS 21 SHER!
मुनव्वर राना के प्रसिद्ध २१ शेर
मुनव्वर राना उर्दू अदब के एक मक़बूल नाम हैं, पेश हैं उनके लिखे बेहतरीन शेर
इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए
MUNAWWAR RANA SHAYARI ON LIFE
मुनव्वर राना शायरी लाइफ पर
1.आप को चेहरे से भी बीमार होना चाहिए
इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए
AAP KO CAHRE SE BHI BIMAR HONA CHAIYE
ISHQ HE TO ISHQ KA IJHAR HONA CHAIYE
2.ज़िंदगी तू कब तलक दर-दर फिराएगी हमें
टूटा-फूटा ही सही घर-बार होना चाहिए
JINDAGI TU KB TALAK DAR-DAR FIRAYGI HME
TUTA FUTA HI SHI GHAR-BAR HONA CHAIYE
बरसों से इस मकान में रहते हैं चंद लोग
3.बरसों से इस मकान में रहते हैं चंद लोग
इक दूसरे के साथ वफ़ा के बग़ैर भी
BARSO SE IS MAKAN ME RHTE CHND LOG
IK DUSRE KE SATH WAFA KE BAGER BHI
4.एक क़िस्से की तरह वो तो मुझे भूल गया
इक कहानी की तरह वो है मगर याद मुझे
EK KISSE KI TARAH WO TO MUJHE BHUL GAYA
EK KHANI KI TARAH WO HE MAGAR YAAD MUJHE
ताज़ा ग़ज़ल ज़रूरी है महफ़िल के वास्ते
MUNNAWAR RANA BEST QUOTE मुनव्वर राना बेस्ट कोट
5.भुला पाना बहुत मुश्किल है सब कुछ याद रहता है
मोहब्बत करने वाला इस लिए बरबाद रहता है
BHUL PANA BHAUT MUSKIL HE SB YAAD RHTA HE
MOHABBAT KARNE WALA IS LIYE BARBAD RHTA HE
6.ताज़ा ग़ज़ल ज़रूरी है महफ़िल के वास्ते
सुनता नहीं है कोई दोबारा सुनी हुई
TAJA GAJAL JARURI HE MEHFIL KE WASTE
SUNTA NHI HE KOI DUBARA SUNI HUI
जहाँ महबूब रहता है वहीं महताब रहता है
MUNNAWAR RANA SHAYARI ON MOHHBBAT
मुनव्वर राना शायरी मुहब्बत पर
7.हम कुछ ऐसे तेरे दीदार में खो जाते हैं
जैसे बच्चे भरे बाज़ार में खो जाते हैं
HM KUCH ASE TERE DIDAR ME KHO JATE HE
JESE BACHE BHARE BAJAR ME KHO JATE HE
8.अँधेरे और उजाले की कहानी सिर्फ़ इतनी है
जहाँ महबूब रहता है वहीं महताब रहता है
ANDHARE OR UJALE KI KHANI SIRF ITNI HE
JAHA MEHBUB RHTA HE WHI MEHTAB RHTA HE
मैं घर में सब से छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई
MUNAWAR RANA SHAYARI ON MAA
मुनव्वर राना शायरी माँ पर
9.कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ़ नहीं देखा
तुम्हारे बाद किसी की तरफ़ नहीं देखा
KBHI KHUSI SE KHUSI KI TARAF NHI DEKHA
TUMHARE BAAD KISI KI TRAF NHI DEKHA
10.किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई
मैं घर में सब से छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई
KISI KO GHAR MILA HISSE ME YA KOI DUKA AAI
ME GHAR ME SBSE CHOTA THA MERE HISSE ME MA AAI
किसी भी सीने को खोलो तो ग़म निकलते हैं
MUNNWAR RANA SAD SHAYARIमुनव्वर राना सैड शायरी
11.मैं इस से पहले कि बिखरूँ इधर उधर हो जाऊँ
मुझे सँभाल ले मुमकिन है दर-ब-दर हो जाऊँ
ME IS SE PHLE KI BIKHRU IDHAR UDHAR HO JAU
MUJHE SAMBHAL LE MUMKIN HE DAR B DAR HO JAU
12.मसर्रतों के ख़ज़ाने ही कम निकलते हैं
किसी भी सीने को खोलो तो ग़म निकलते हैं
MUSRATO KE KHAJNE HI KAM NIKALTE HE
KISI BHI SINE KO KHOLO TO GAM NIKALTE HE
मिट्टी में मिला दे कि जुदा हो नहीं सकता
13.मिट्टी में मिला दे कि जुदा हो नहीं सकता
अब इस से ज़यादा मैं तेरा हो नहीं सकता
MITTI ME MILA DE KI JUDA HO NHI SKTA
AB ISSE JYDA ME TERA HO NHI SKTA
14.मुख़्तसर होते हुए भी ज़िंदगी बढ़ जाएगी
माँ की आँखें चूम लीजे रौशनी बढ़ जाएगी
MUKTSAR HOTE HUE BHI JINDAGI BAD JAYGI
MA KI AAKHE CHUM LIJE ROSHNI BAD JAYGI
वो बिछड़ कर भी कहाँ मुझ से जुदा होता है
मुनव्वर राना शायरी इन उर्दू
MUNWWAR RANA SHAYARI IN URDU
15.वो बिछड़ कर भी कहाँ मुझ से जुदा होता है
रेत पर ओस से इक नाम लिखा होता है
WO BICHAD KAR BHI KHA MUJHSE JUDA HOTA HE
RET PAR OS SE EK NAM LIKHA HOTA HE
16.मैं भुलाना भी नहीं चाहता इस को लेकिन
मुस्तक़िल ज़ख़्म का रहना भी बुरा होता है
ME BHULNA BHI NHI CAHHTA IS KO LEKIN
MUSTKIL JAKHAM KA RHNA BHI BURA HOTA HE
तेरे एहसास की ईंटें लगी हैं इस इमारत में
17.तेरे एहसास की ईंटें लगी हैं इस इमारत में
हमारा घर तेरे घर से कभी ऊँचा नहीं होगा
TERE EHSAS KI INT LGI HE IS IMARAT ME
HAMARA GHAR TERE GHAR SE KBHI UNCHA NHI HOGA
18.ये हिज्र का रस्ता है ढलानें नहीं होतीं
सहरा में चराग़ों की दुकानें नहीं होतीं
YE HIJR KA RASTA HE DHLANE NHI HOTI
SHRA ME CHRAGO KI DUKANE NHI HOTI
तुम आ गए तो वक़्त ठिकाने से कट गया
MUNWWAR RANA 2 LINE SHAYARI
मुनव्वर राना शायरी इन २ लाइन्स
19.ये सर-बुलंद होते ही शाने से कट गया
मैं मोहतरम हुआ तो ज़माने से कट गया
YE SAR-BULAND HOTE HI SHAN SE KAT GYA
ME MOHTARM HUA TO JAMANE SE KAT GYA
20.उस पेड़ से किसी को शिकायत न थी मगर
ये पेड़ सिर्फ़ बीच में आने से कट गया
US PEDH SE KISI KO SHIKYAT NA THI MAGAR
YE PEDH SIRF BITCH ME AANE SE KAT GYA
21.वर्ना वही उजाड़ हवेली सी ज़िंदगी
तुम आ गए तो वक़्त ठिकाने से कट गया
WRNA WHI UJAD HAWELI SI JINDAGI
TUM AA GYE TO WQT THIKANE SE KAT GYA
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FOR VIDEO : MOHABBAT SHAYARI
Nice collection sir ji 👍🏻,,
ReplyDeletehan ijazat hai agar koi kahani aûr hai
Best Rahat Indori Shayari collection, I like very much.
ReplyDeleteAlso read: Munawwar Rana Shayari in Hindi